amazing facts about indian rupees : इंडिया में Currency का इतिहास 2500 साल पुराना हैं। जिसकी शुरूआत एक राजा द्वारा की गई थी। देखा जाये तो सन 1917 के आस पास 1 रुपया 13 Dollar के बराबर हुआ करता था। लेकिन आज 2019 में डॉलर की कीमत लगातार बढती ही जा रही है। जिसका सीधा असर अब आम आदमी की जेब पर पड़ने लगा है। खैर भले ही आज के डेट में डॉलर के मुकाबले रुपया today 70 के आस पास चला गया हो। लेकिन क्या आप आप जानते है, जब भारत आजाद हुवा था, तब डॉलर के मुकाबले रुपया 1947 में, 1 डॉलर 4.16 रुपए के आस पास हुवा करती है।
आधिकारिक रिकॉर्ड में, कभी भी 1 रुपया 1 USD के बराबर नहीं था। क्यों की जब भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की, तो उसे अंतर्राष्ट्रीय मीट्रिक प्रणाली को स्वीकार करना पड़ा था। जिसके कारण रुपये का मूल्य, उसी क्षण से बदल गया।
चलिए और डिटेल्स में जानते है की, क्या कभी भी 1 रुपए 1 डॉलर के बराबर हुवा करता था। साथ ही हम आपको कुछ और भी amazing facts about indian rupees के बारे में बताने वाले है।
क्या 1947 में 1 रुपए 1 डॉलर के बराबर था?
कई लोगो का यह मानना है कि, आजादी के समय भारतीय रुपए और Dollar की कीमत बराबर हुवा करती थी। लेकिन इस बात में कोई भी सच्चाई नहीं है। दरासल 1966 तक भारतीय रुपए को ब्रिटिश पौंड की तुलना में मापा जाता था। उस समय एक पौंड की कीमत 13.33 रुपया था। जबकि डॉलर की तुलना में एक पौंड की कीमत 4.05 डॉलर थी। ऐसे में जाहिर सी बात है की, एक डॉलर की कीमत चार भारतीय रुपए से कम थी।
इस बात पर इसलिए भी विश्वास नहीं किया जा सकता है की, 1947 में 1 रुपया एक डॉलर के बराबर था। क्योंकि जब 1947 में भारत आजाद हुआ, तो उसने किसी भी दूसरे देशों से कोई कर्ज नहीं लिया था, ट्रेड भी ना के बराबर था। ऐसे में यह कैसे सभंव हो सकता है कि, 1 रुपया 1 डॉलर के बराबर रहा हो।
तीसरी बात, जो इस दावे को फिर से झूठा साबित करती है। वो यह है कि, 1947 में भारत की वृद्धिथ दर 0.8 फीसदी थी। ऐसे में इंडियन रुपये को dollar के बराबर रख पाना संभव ही नहीं होता।
वैसे आप अब तक के भारतीय रूपये और अमेरिकी डॉलर के बदलती दरों को निचे के list में देख सकते है।
1 USD to INR rates from 1947 to 2019
उपर दिए गए चार्ट में, भारतीय रूपये और अमेरिकी डॉलर के बदलते मूल्य को दिखाया गया है। जिसे देख कर आप समझ ही गए होगे कि, आने वाले वर्षों में विनिमय दरे कैसे बढ़ी है।
आशा करते है इस चार्ट को देखकर, आपको भी यह जरुर अंदाजा लग गया होगा कि, भारतीय रूपये की यात्रा अब तक कैसी रही है। चलिए अब हमलोग कुछ और भी amazing facts about indian rupees के बारे में जानते है।
Amazing facts about indian rupees.
पहले के हर एक भारतीय नोटो पर, अलग अलग तरह के चीजों की फोटो छपी रहती थी। जैसे की- 20 रुपये के नोट पर अंडमान आइलैंड की तस्वीर, 10 रुपए के नोट पर हाथी, गैंडा और शेर की तस्वीर, तो वही 100 रुपए के नोटो पर पहाड़ और बादल की तस्वीर छपी होती थी।
इसके अलावा 500 रुपए के नोटो पर आजादी के आंदोलन से जुड़ी 11 मूर्ति की तस्वीरे छपती थी। साथ ही उन नोटो पर उनकी कीमतो को भी 15 भाषाओं में लिखा जाता था।
नोटों पर गांधी जी की फ़ोटो कब से छपनी शुरू हुई थी?
महात्मा गांधी जी की फोटो 1996 से, नोटों पर छपनी शुरू हुई थी। भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी जी की जो फोटो छपती हैं। वह तब खींची गई थी, जब गांधी जी तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में, कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ, कोलकाता स्थित वायसराय हाउस में मुलाकात करने गए थे।
भारत में कितने रुपये तक के सिक्के और नोट छप चुके हैं?
भारत में 75, 100 और 1,000 रूपए तक के सिक्के छप चुके हैं।
तो वही जनवरी 1938 में, RBI ने पहली बार 5 रूपये की पेपर करंसी छापी थी। जिस पर किंग जार्ज-6 का फोटो था।
इसी साल 10 रुपए, 100 रुपए, 1,000 रुपए और 10,000 रूपये के नोट भी छपे थे। हालांकि, 1946 में 1,000 और 10,000 रूपये के नोट बंद कर दिए गए थे।
लेकिन 1954 में एक बार फिर से 1,000 और 10,000 रुपए के नोट को छापा गया। साथ में ही 5,000 रुपए के नोट की भी छपाई की गई। लेकिन, 1978 में 5,000 और 10,000 रूपये के नोट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
भारत में 500 का पहला नोट 1987 में और 1,000 का पहला नोट 2000 में बनाया गया था।
1 रूपए के नोट को भारत सरकार द्वारा और 2 रूपये से 2,000 रूपये तक के नोट को RBI द्वारा जारी किये जाते हैं।
एक समय भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए, 10 का नोट 5thpillar नाम की एक गैर सरकारी संस्था द्वारा जारी किए गए थे।
आजादी के बाद भी पाकिस्तान ने, तब तक भारतीय मुद्रा का प्रयोग किया। जब तक की वो काम चलाने लायक नोट न छाप लिए।
भारतीय नोट किस कागज के बने होते है?
भारतीय नोट किसी आम कागज के नही, बल्कि कॉटन के बने होते हैं। ये इतने मजबूत होते हैं कि, आप नए नोट के दोनो सिरों को पकड़ कर फाड़ नही सकते है।
तो वही आजादी के बाद सिक्के तांबे के बनते थे। उसके बाद 1964 में एल्युमिनियम के और 1988 से स्टेनलेस स्टील के बनने शुरू हुए।
एक समय ऐसा भी था। जब बांग्लादेश ब्लेड बनाने के लिए, भारत से 5 रूपए के सिक्के मंगाया करता था। दरासल 5 रूपए के एक सिक्के से 6 ब्लेड बनते थे और 1 ब्लेड की कीमत 2 रूपए होती थी। तो आप समझ ही सकते है की, ब्लेड बनाने वाले को अच्छा खासा फायदा होता था।
इसी चीज़ को देखते हुए भारत सरकार ने सिक्का बनाने वाला मेटल ही बदल दिया। दरासल 2009 में पुलिस ने सिक्कों की एक खेप को पकड़ा था। जिसके बाद इसकी जानकारी मिली थी।
नोटों पर सीरियल नंबर क्यों डाला जाता है?
नोटों पर सीरियल नंबर इसलिए डाला जाता हैं। ताकि आरबीआई (RBI) को यह पता चलता रहे कि, इस समय मार्केट में कितनी करंसी मौजूद हैं।
वैसे रूपया भारत के अलावा नेपाल, इंडोनेशिया, मॉरीशस, पाकिस्तान और श्रीलंका की भी करंसी हैं।
क्या RBI जितना मर्जी चाहे, उतनी कीमत के नोट छाप सकती हैं ?
RBI जितनी मर्जी चाहे, उतनी कीमत के नोट तो जरुर छाप सकती हैं। लेकिन वह सिर्फ 10,000 रूपये तक के नोट को ही छाप सकती है।
अगर इससे ज्यादा कीमत के नोट छापने हैं। तो उनको रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934 में बदलाव करना होगा। वैसे आरबीआई हर साल 2,000 करोड़ करंसी नोट छापती हैं।
हम अनगिनत नोट क्यों नही छाप सकते है?
हम कितने नोट छाप सकते हैं। दरासल इसका निर्धारण मुद्रा स्फीति, जीडीपी ग्रोथ, बैंक नोट्स के रिप्लेसमेंट और रिजर्व बैंक के स्टॉक के आधार पर किया जाता है।
सिक्के पर सन के नीचे निशान क्यों बने होते है?
भारतीय सिक्के पर आपने देखा होगा की, सन के नीचे एक खास निशान बना होता हैं। दरासल उस निशान को देखकर हम यह पता लगा सकते हैं कि, ये सिक्का कहां बना है।
- मुंबई – हीरा ◆
- नोएडा – डॉट.
- हैदराबाद – सितारा
- कोलकाता- कोई निशान नहीं।
कौन सा नोट कितने में छपता है?
2000 रुपए के एक नोट को छापने पर 4.18 रुपए खर्च आता हैं।
500 रुपए के एक नोट को छापने पर 2.57 रुपयाँ खर्च आता है।
100 रुपए के एक नोट को में 1.51 रुपये खर्च आता है।
10 रुपए के एक नोट को छापने का खर्चा 1.01 रुपए आता है। तो वही 10 रूपये के सिक्के को बनाने में 6.10 रूपए की लागत आती हैं।
क्या नया नोट, पुराने के मुकाबले सस्ता है?
एक आरटीआई में यह भी खुलासा हुआ है कि, पुराने नोट के बजाए नए नोट को छापने का खर्चा कम है।
पुराने 500 रुपए के नोट को छापने का खर्चा 3.09 रुपए है। तो वही नए नोट को छापने का खर्चा 52 पैसे कम है।
वहीं पुराना 1 हजार रुपए का नोट 3.54 रुपए में छप जाता था। अब नया 2 हजार रुपए का नोट 64 पैसा महंगा यानी 4.18 रुपए में छप रहा है।
तो ये थे रुपये से जुड़े कुछ amazing facts about indian rupees. वैसे आपकी जानकारी के लिए एक अच्छी बता दू की, रूपया बेशक doller के मुकाबले कमजोर हैं।
लेकिन फिर भी ऐसे बहुत सारे देश हैं, जिनकी करंसी के आगे रूपया काफी बड़ा हैं। आप कम पैसों में ही, उन देशों में घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं। उनमे से कुछ देशो के नाम आप निचे देख सकते है।
- नेपाल -1 रुपया = 1.60 नेपाली रुपया
- श्रीलंका – 1 रुपया = 2.10 श्रीलंकाई रुपया
- आइसलैंड – 1 रुपया = 1.94 क्रोन
- हंगरी – 1 रुपया = 4.27 फोरिंट
- कंबोडिया – 1 रुपया = 62.34 रियाल
- पराग्वेा – 1 रुपया = 84.73 गुआरनी
- बेलारूस – 1 रुपया = 267.97 बेलारूसी रुबल
- वियतनाम – 1 रुपया = 340.39 वियतनामी डॉन्गे
- इंडोनेशिया – 1 रुपया = 222.58 इंडोनेशियन रूपैया
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आज के लिए दोस्तों बस इनता ही, चलते चलते बस यही कहुगा। आप अपना और अपने परिवार का ख्याल रखे। धन्यवाद.
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