Interesting Facts About Chanakya hindi : आचार्य चाणक्य इतिहास का एक ऐसा नाम है। जिन्हें हर कोई chanakya niti की वजह से जानता और पहचानता है। चाणक्य एक ऐसे व्यक्तित्व के स्वामी थे। जिनकी नीतियों (chanakya niti) का आज भी लोग पालन करते हैं। आज हम लोग आचार्य चाणक्य के बारे में, कुछ chanakya facts in hindi और ऐसे रोचक तथ्य, चाणक्य नीति राजनीति hindi के बारे में जानेगे। जिनके बारे में शायद ही आपने कभी पहले सुना या पढ़ा होगा।
ऐसा कहा जाता है की, आचार्य चाणक्य से बड़ा राजनेता आज तक कोई हुआ ही नहीं। आचार्य चाणक्य एक दूरदर्शी, दृढसंकल्पी और विद्वान व्यक्ति थे। वे अर्थशास्त्र, राजनीति और कूटनीति के आचार्य थे। चाणक्य का उल्लेख वायुपुराण, विष्णुपुराण, मुद्राराक्षस, बृहत्कथाकोश, मत्स्यपुराण, बौद्ध ग्रंथ महावंश, जैन पुराण आदि में मिलता है।
आचार्य चाणक्य ने मौर्य साम्राज्य के विस्तार में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे महाराज चंद्रगुप्त को अखंड़ भारत का सम्राट बनने की सहायता करने के साथ साथ प्रजा के मार्गदर्शन के लिए एक नीतिशास्त्र की रचना भी की थी। जिसे आज हमलोग chanakya niti ‘चाणक्य नीति’ के नाम से जानते है।
आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णु गुप्त के नामो से भी जाना जाता है। यहाँ हम आपके लिए, आचार्य चाणक्य के बारे में कुछ रोचक बाते / Interesting Facts About Chanakya Hindi, Chanakya rules in hindi लेकर आये हैं। जिसे जानने के बाद आपको बहुत अच्छा लगेगा।
तो देर किस बात की चलिए जानते है, chanakya information in hindi, Amazing Facts History Biography of Chanakya in Hindi, आचार्य चाणक्य के बारे में 18 रोचक तथ्य। अनसुने
चाणक्य के बारे में 18 रोचक तथ्य / Interesting Facts About Chanakya Hindi
1. आचार्य चाणक्य का जन्म 371 ईसा पूर्व, एक घोर निर्धन परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘चाणक’ था, यही से उनका नाम ‘चाणक्य’ पड़ा। तो वही इनका गोत्र ‘कोटिल’ था। जिसके कारण उनका दूसरा नाम ‘कौटिल्य’ पड़ा। जबकि इनके माता (चणेश्वरी) पिता ने इनका असली नाम ‘विष्णुगुप्त’ रखा था।
2. विष्णुगुप्त यानि आचार्य चाणक्य जब पैदा हुए थे। तब उनके मुंह में केवल एक ही दांत था। इस बात को देखकर जैन मुनि ने यह भविष्यवाणी की थी कि, यह लड़का बड़ा होकर एक राजा बनेगा। लेकिन इस बात को सुनकर चाणक्य के माता-पिता घबरा गए और कहा कि, उनका पुत्र एक जैन मुनि या फिर आचार्य बने। तो फिर जैन मुनि ने कहा कि, अगर आप ऐसा चाहते हो। तो फिर आप इसके दांत को निकाल दे, ये राजा का निर्माता बनेगा।
3. राजनीतिक में आचार्य चाणक्य की रूचि बचपन से ही थी। उन्होंने 26 वर्ष की आयु में अपनी समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और राजनीती की शिक्षा पूरी की और नालंदा में शिक्षण के रूप में कार्य भी किया। वे राजतंत्र के प्रबल समर्थक भी थे।
4. चाणक्य को दवा और खगोल विज्ञान का भी पूरा ज्ञान था। उन्हें ‘समुंद्र शास्त्र’ में महारत हासिल थी। जिसके कारण वे किसी भी व्यक्ति के चेहरे के हाव भाव को देखकर ही बता देते थे कि, सामने वाला क्या सोच रहा है।
5. अध्यापक बनने के बाद, आचार्य चाणक्य पाटलिपुत्र चले गये। वहाँ जाकर वे मगध साम्राज्य के नंद वंश के न्यायालय में विद्वान बनें। लेकिन एक दिन चाणक्य और राजा धनानंद के बीच लड़ाई हो गई। जिसके बाद राजा ने उन्हें भरे दरबार में अपमानित कर, दरबार से बाहर निकाल दिया। इस बात से वे इतने आघात हुवे की, उन्होंने उसी समय अपनी चोटी खोल दी और कहा जब तक मैं नंद साम्राज्य का नाश न दू, तब तक चोटी नही बांधूगा।
6. उसके बाद, आचार्य चाणक्य की मुलाकात चन्द्रगुप्त मौर्य से हुई। उस समय चन्द्रगुप्त मौर्य की आयु 12-13 वर्ष की रही होगी। चाणक्य ने उन्हें कम उम्र में ही, शासन करने और समाज कल्याण करने का पाठ पढाया। आगे चल कर मौर्य ने नंदा साम्राज्य का विनाश करके, मौर्य साम्राज्य का स्थापित किया। चन्द्रगुप्त मौर्य, मौर्य साम्राज्य के पहले शासक बने। चाणक्य की नीतियों के वजह से ही, मौर्य साम्राज्य भारत का सबसे बड़ा साम्राज्य बन पाया।
7. चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को उसके मामा से, धन देकर खरीदा था। क्योंकि उनका मामा चन्द्रगुप्त काम करवाता था और बिना धन दिए, उन्हें छोड़ने को तैयार नहीं था।
8. चाणक्य एक बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति थे। वे हमेसा दूर की सोचते थे। उनका प्लान ऐसा होता था की, हर स्थिति में उनकी जीत पक्की होती थी। यानि कंडीशन चाहे कैसी भी क्यों न बन जाए, उसका बचाव पक्का रहता था।
9. चाणक्य हमेशा कहते थे कि, महिलाओं पर भरोसा नही करना चाहिए। क्यों की वे कम नैतिक चरित्र और झूठ बोलने वाली होती है। लेकिन चाणक्य यह बात सभी महिलाओं के लिए नहीं कहते थे। उनके अनुसार, ‘एक अच्छी महिला वह है, जो पवित्र हो, घर के काम में निपुण हो, अपने पति के लिए सच्ची और वफादार हो’। उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा की, हर महिला बुरी है और ना ही कभी यह दर्शाया कि, हर पुरूष निर्दोष है।
10. आचार्य चाणक्य ने अपनी कुटिल नीतियों से ही, सिकंदर को भारत में आगे बढ़ने से रोककर वापस लौट जाने पर मजबूर किया था। उन्होंने महान सिकंदर से लड़ने के लिए, भारत के सभी राज्यों को एकजुट किया था। चाणक्य ने युवा लडकियों की एक सेना भी बनाई थी। जिसका नाम ‘विषकन्या’ था। चाणक्य इन लडकियों का इस्तेमाल दुशमनों को मारने और चूमने के लिए किया करते थे। दरासल लडकियों के चुंबन में ज़हर होता था।
11. आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के भोजन में, थोड़ा-थोड़ा जहर मिलाया करते थे। ताकि दुशमन के जहरीलें हमलों का, उन पर कोई असर ना हो। एक दिन चन्द्रगुप्त ने अपनी रानी के साथ खाना साझा कर लिया। जो उस समय 9 महीनें की गर्भवती थी। लेकिन खाने में ज़हर होने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद चाणक्य ने उसका पेट काटकर बच्चे को बचा लिया। इस बच्चे का नाम ‘बिंदुसार’ रखा गया।
12. कौटिल्य (चाणक्य) ऐसे पहले विचारक थे। जिन्होंने ये कहा कि, राज्य अपना संविधान खुद बनाए। 2300 वर्ष पहले, संविधान के ये पहले विचार थे। तब किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी।
13. भ्रष्टाचार को रोकने के लिए, चाणक्य ने एक ऑडिटिंग सिस्टम लागू किया। जिसमे कर्मचारियों व अधिकारियों को, एक ही विभाग में लम्बे समय तक न रखने की बात कही गयी।
14. बिंदुसार की माँ की हत्या का झूठा आरोप लगने पर, उन्होंने आहत होकर अपने पद का त्याग कर दिया था। जो कि बाद में, उनपे लगा आरोप गलत साबित हुआ।
15. आचार्य चाणक्य की मृत्यु 283 ईसा पूर्व में हुई। लेकिन उनकी मृत्यु को लेकर इतिहास में बहुत सारी कहानियाँ प्रचलित है। कुछ लोगो का ऐसा कहना है की, किसी ने षड्यंत्र रचकर चाणक्य और बिन्दुसार के बीच दुशमनी पैदा करा दी और आपसी मतभेद के कारण उनकी मृत्यु हो गई। तो वही कुछ लोग ऐसा भी मानना है की, सन्यास लेने के बाद वे जंगल चले गये और भोजन व पानी का त्यागकर, अपनी इच्छा से शरीर को छोड़ दिया।
16. बहुत लोग यह जानना चाहते है की, क्या सम्राट अशोक कभी चाणक्य से मिले थे? तो आपको बता दू की, इस बात का कोई लिखित सबूत तो मौजूद नही है। लेकिन कुछ ऐसे कैल्कुलेशन जरुर मौजूद है। जिनसे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की, राजा अशोक और चाणक्य की मुलाकात जरुर हुई होगी।
- चाणक्य – 371 ईसा पूर्व में जन्मे और 283 ईसा पूर्व में मृत्यु हो गई।
- बिंदुसार (अशोक के पिता) – 320 ईसा पूर्व में जन्मे और 273 ईसा पूर्व में मृत्यु हुई।
- अशोक – 304 ईसा पूर्व जन्मे, 269 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक शासन किया और 232 ईसा पूर्व में मृत्यु हो गई।
इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि, जब तक अशोक 21 साल के हुवे होगे। तब तक चाणक्य जीवित थे। इसके अलावा, सभी को यह ज्ञात है कि, चाणक्य बिंदुसार के भी सलाहकार थे। ऐसे में सम्राट अशोक का आचार्य चाणक्य से मिलना जरुर संभव हैं।
17. आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के सर्वाधिक प्रखर कुटनीतिज्ञ माने जाते है। उन्होंने ‘अर्थशास्त्र’ नामक पुस्तक में, अपने राजनैतिक सिध्दांतों का प्रतिपादन किया। जिनका महत्व आज भी लोग स्वीकार करते है। कई विश्वविद्यालयों ने तो कौटिल्य (चाणक्य) के ‘अर्थशास्त्र’ को पाठ्यक्रम के रूप में शामिल भी किया है।
18. चाणक्य नीति इन वस्तुओ को जहर के बराबर मानती है।
- ऐसा व्यक्ति जिसका ज्ञान सिर्फ पुस्तकों तक सीमित हो।
- खाना जिसमे भूख बढ़ाने वाले पदार्थ ना हो।
- बूढ़ा व्यक्ति का जवान युवती से विवाह करना।
चाणक्य नीति (chanakya niti) इतनी जबरदस्त है कि, आज भी सभी देशों की विदेश नीति का मुख्य आधार बना हुवा है। देश दुनिया के सभी नेता विदेशी संबंधो को अच्छा बनाने के लिए, चाणक्य नीति का इस्तेमाल करते है।
उम्मीद है, आपको हमारी यह लेख चाणक्य के बारे में रोचक जानकारी / Interesting Facts About Chanakya hindi जरुर पसंद आयी होगी। आप चाहे तो chanakya facts in hindi के इस जानकारी को अपने चाहने वालो के साथ Social media जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर Share कर सकते है। ताकि उन्हें भी पता चल सके, Interesting Facts About Chanakya hindi.धन्यवाद.
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