Ram vs Rom in hindi : रैम और रोम के बीच क्या अन्तर है। यह हम लोगो में से बहुत कम लोग ही, जानते और समझते होंगे। इसलिए आज के इस पोस्ट में हमलोग जानेगे की Ram क्या है, रोम क्या है और इन दोनो के बीच क्या अंतर है। दरासल computer और mobile में मुख्य रूप से दो तरह के memory का यूज होता है। एक है Ram मैमोरी और दुरसा है Rom मैमोरी। अब आम इंसान को यह समझना थोड़ा मुश्किल हो जाता है की, आखिर इन दोनों के बिच क्या अंतर है? तो चलिए हम आप को सिंपल तरीके में बताने की कोशीस करते हैं की, आखिर रैम और रोम मैमोरी में क्या अंतर है?
जब हम मार्केट में कोई मोबाइल या लैपटॉप खरीदने जाते है। तो दूकानदार हमे यह जरुर बताता है की, इस मोबाइल या लैपटॉप में इतने GB का RAM और Rom लगा हुवा हैं। दरासल आजकल ज्यादातर फ़ोन की Specifications में हमे RAM और ROM का ही नाम ज्यादा सुनने को मिलता है। जैसे कि इस फ़ोन में 2GB RAM और 16GB ROM लगा है या फिर 4GB RAM और 64GB ROM लगा है। आज हम उसी RAM और ROM के बारे में अच्छे से जानने वाले है।
Ram क्या है?
RAM का फुलफॉर्म Random Access Memory है। दरासल रैम के फुलफॉर्म से हमे इसके बारे में तो ज्यादा कुछ पता नहीं चल पाता है। इसलिए हम इसे एक उदाहरण के द्वारा समझाने की कोशीस करते है। मान लीजिये आप को अपने ऑफिस में काम करने के लिए, एक file की जरुरत है। जो की आप के डेस्क पर मवजुद नहीं है। लेकिन वो file किसी दूसरे कमरे में रखी हुई है। ऐसे में अगर आपको काम करना है। तो आप उस file को दूसरे कमरे से ले आयेंगे, और डेस्क पर रखकर उस file पर काम करने लग जायेंगे।
लेकिन कभी कभी ऐसा भी होता है की, आपको एक साथ कई सारे काम करने पड़ जाते हैं। जिसके लिए आप को बहुत सारी files की जरुरत पड़ती है। ऐसे में ज्यादा फाइल रखने के लिए, आपको एक बड़े डेस्क की भी जरुरत होती है। ताकि आप को जिस file पर भी काम करना पड़े। तो आप डेस्क पर से उस file को उठाकर काम करने लग जायें। और जब आप का काम खत्म हो जाता है। तो आप उन सारी files को वापस उसी कमरे में रख देते है।
मोबाइल फ़ोन में भी RAM कुछ इसी तरह से काम करता है। जो फाइल वाला दूसरा कमरा है, उसे आप इंटरनल मेमोरी मान सकते हैं। जिसमें आपकी सारी files या एप रहती है। अब जो डेस्क है, वो आपकी RAM हो गयी। जिस पर आप काम करते हैं। यहां रैम का काम आपके आज्ञा अनुसार किसी एप को लाकर, उसे रन करना होता है।
दरासल CPU को जिस भी file की जरुरत होती है। RAM उन्हें जल्द से जल्द भेजने का काम करता है। जब आप किसी game या एप को install करते हैं। तो वह RAM में नहीं, बल्कि फोन के इंटरनल मेमोरी में install होता हैं।
जब आप किसी गेम या एप को open करने के लिए, उसके उपर क्लिक करते हैं। तो वह open होने के लिए, phone की मेमोरी से RAM पर आ जाती है। जिसके बाद RAM अपना काम करने लग जाता है। इस दौरान CPU और RAM के बीच बहुत तेजी से information का लेन देन होता है। इसलिए जब आपके computer या mobile की RAM कम होती है, और आप एक साथ कई सारे एप खोल के रन करवा रहे होते हैं। तो इस स्थिति में आप का computer या mobile हैंग होने लगता है। इसी लिए कहा जाता है कि, ज्यादा रैम मल्टीटास्किंग के लिए अच्छा होता है।
RAM कितनी होनी जरुरी है?
RAM क्या है, ये तो अब आपको पता चल ही गया होगा। ऐसे में अब आप यह भी जरुर जानना चाहते होंगे कि, आखिर मोबाइल में कितनी RAM होनी जरुरी है। आज के डेट में देखा जाए, तो किसी भी मोबाइल में कम से कम 2GB रैम का होना जरुरी है। क्योंकि आजकल के एप का साइज दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।
ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि, आप अपने मोबाइल में मल्टीटास्किंग कर सके और आप का फ़ोन भी हैंग ना करे। तो आप कम से कम 2GB रैम वाला ही मोबाइल ख़रीदे। ताकि आप को मोबाइल हैंगिंग की समस्या का सामना ना करना पड़े। अगर आप जानना चाहते है की, अपने Android मोबाइल की RAM को कैसे बढ़ाये? तो आप इस पोस्ट को जरुर पढ़े।
Rom क्या है?
Rom का फुलफॉर्म Read Only Memory है। जैसा की इसके नाम से ही आपको पता चल रहा होगा की, इसे हम सिर्फ Read कर सकते है। दरासल यह computer की स्थायी मेमोरी होती है। कंप्यूटर बनाते समय ही इसमें प्रोग्राम को fixed कर दिया जाता है। इसलिए इस मेमोरी में प्रोग्राम को किसी भी स्थति में ना तो बदला जा सकता है, और ना ही इसमें से किसी प्रोग्राम को हटाया जा सकता है। इन्हें सिर्फ पढ़ा जा सकता है। इसी कारण इस मेमोरी Read Only Memory कहा जाता है।
Rom कितने प्रकार की होती है ?
बदलते समय के साथ साथ ROM में भी काफी बदलाव देखने को मिले है। वैसे तो ROM के 4 Types होते हैं। जिनके बारे में एक एक करके जानकारी निचे दिए गए है।
1. MROM (Masked Read Only Memory)
2. PROM (Programmable Read Only Memory)
3. EPROM (Erasable and Programmable Read Only Memory)
4. EEPROM (Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory)
1. MROM (Masked Read Only Memory)
यह सबसे पहला वाला ROM है। आज के डेट में इसका इस्तेमाल बिलकुल नहीं किया जाता है। यह Read Only Memory Hard Wired Devices है। जिसमे पहले से Pre-Programmed Data और Instruction Store किया जाता था। उस ज़माने में, इस तरह के Memory काफी महंगे हुआ करते थे। खैर अभी के समय में तो इस तरह के ROM देखने को भी नहीं मिलेगे।
2. PROM (Programmable Read Only Memory)
यह एक ऐसा Read Only Memory है। जिसे हम सिर्फ एक बार ही बदल सकते हैं। दरासल PROM में Data या Program को एक ही बार लिखा या Update किया जा सकता है। एक बार program को Update कर देने के बाद, इसको दोबारा Update नहीं किया जा सकता है। कहने का मतलब है की, इसको एक बार programmed कर देने के बाद दोबारा Erase नहीं कर सकते है।
3. EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)
EPROM की खासियत यह है की, इसमें डाटा या प्रोग्रामों को update करने के साथ साथ आप उसको Erase भी कर सकते है। इस memory को erase करने के लिए, 40 या 50 मिनट तक Ultra Violet Light pass किया जाता है। तब जा कर यह Memory खाली होती है।
4. EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)
अब बात करते है EEPROM के बारे में। इसकी खासियत यह है की, इसे 10 हजार बार Erase और Programmed कर सकते है। और सिर्फ 4 से 10 Millisecond के अंदर इसे Erase और Programmed भी कर सकते हैं। इस Memory की दुरसी खासियत यह है की, इसमें किसी भी Location को सेलेक्ट करके उसे Erase और Programmed किया जा सकता है। पुरे Chip को खाली करने की कोई जरुरत ही नहीं होती है।
Ram vs Rom in hindi?
Ram vs Rom in hindi : RAM हो या Rom, दोनों ही कंप्यूटर और मोबाइल के साथ साथ सभी डिवाइस के लिए बेहद जरुरी चीज है। क्योंकि इसी के कारण ही, कोई भी डिवाइस बेहतर काम करती है। जैसा की आप को उपर रैम और रोम क्या है? जानने के बाद पता चल गया होगा। चलिए अब जानते है की, Ram और Rom में क्या differance है?
1. Full Form : रैम का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मैमोरी है। जबकि रोम मैमोरी को रीड ओनली मैमोरी कहा जाता है।
2. Accessibility (पहुँच) : Ram का मुख्य काम Processor के साथ होता है। यह उन सूचनाओं को store करता है। जिसे processor जल्दी से एक्सेस कर सके।
दरासल Processor, Rom मैमोरी में उपलब्ध सूचनओं को डायरेक्ट एक्सेस नहीं कर सकता है। इसके लिए वो सबसे पहले Ram को कमांड देगा है। उसके बाद Ram मैमोरी, Rom से सूचनाओ को प्राप्त करके प्रोसेसर को execute करता है, मतलब उसे आगे पहुचाता है।
3. Storage : Ram मैमोरी सिर्फ टैंपरोरी सूचनाओं को Stored करके रखता है। जैसा की आप ने देखा होगा, इंटरनेट का यूज करते समय जब आप कुछ टाइप करते है। तो वे सभी पुराने साइट्स की जानकारी आने लगती है। जिसे आपने पहले से ब्राउज किया था। रैम मैमोरी को कूकीज, कैशे मैमोरी और हिस्ट्री को क्लियर करके खाली कर सकते हैं।
वही Rom मैमोरी में सूचनाएं स्थाई रूप से सुरक्षित होती हैं। इन सूचनाओं को आप delete नहीं कर सकते है। दरासल लोगो को ऐसा लगता है की, इंटरनल मैमोरी से फाइलों को डिलीट कर देने से वे नष्ट हो जाती है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। क्यों की Rom में उपलब्ध डाटा को मिटाया नहीं जा सकता। इसी लिए आपने देखा होगा कि, computer या mobile से back dated डाटा को recover कर लिया जाता है।
4. Work Mode (कार्य का तरीका) : Ram मैमोरी में आप सूचनओं को पढ़ने के साथ साथ, वहां नई सूचनाएं लिख भी सकते हैं। कहने का मतलब है की Ram मैमोरी में उपलब्ध सूचनाओं में, आप आसानी से बदलाव कर सकते हैं।
वही रोम मैमोरी में उपलब्ध सूचनाओ को आप सिर्फ पढ़ सकते हैं। उसमें बदलाव नहीं कर सकते। इनमे नई सूचनाओं को रिप्लेस किया जा सकता है। लेकिन उसे हटाया नहीं जा सकता है।
5. Speed : Ram मैमोरी file, folder और data एक्सेस को fast करता है। Processor की speed को भी तेज करने में ram का अहम योगदान होता है। इसलिए अगर आप कोई ऐसा फोन लेना चाहते हैं। जिसकी प्रोसेसिंग अच्छी हो, तो उसमें ताकतवर Processor के साथ साथ, उसमे उच्च क्षमता वाले ram का भी होना बहुत जरुरी है।
वही फोन के speed से Rom मैमोरी का कोई लेना देना नहीं होता है। क्यों की प्रोसेसिंग स्पीड पर रोम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हां आप यह कह सकते है की, बेहतर क्वालिटी की मैमोरी होने पर तेजी से data transfer किया जा सकता है।
6. Data संरक्षण : डाटा संरक्षण के लिए Ram memory को electricity की आवश्यकता होती है। जबकि Rom memory में डाटा संरक्षण के लिए electricity की जरुरत नहीं होती है।
7. Structure : Ram एक चिप होता है। जो computer या mobile के बोर्ड पर integrate होता है। जबकि Rom एक Optical driver है। जो magnetic tape से बना होता है।
Final Word :
कुल मिला जुलाकर यही कहा जा सकता है। किसी भी Computer या Mobile की खरीदारी में, दोनों ही मैमोरी का अपना अपना एक जगह और उपयोगिता है। फोन या कंप्यूटर का बेहतर तरीके से उपयोग करने के लिए, ज्यादा Ram मैमोरी होना जरुरी है। ताकि डिवाइस हैंग होने या धीमा होने की समस्या से दूर रहे। वहीं डाटा स्टोर करने के लिए हमे Rom मैमोरी की आवश्यकता होती हैं। ऐसे में Rom मैमोरी जितनी ज्यादा होगी, आप उतना ही अधिक data store कर पायेगे।
आशा करता हु, “Ram vs Rom in hindi” की जानकारी आपको जरुर पसंद आयी होगी। आपको यह लेख कैसा लगा, हमें निचे comment box में जरूर बताये।
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